Saturday, March 15, 2025
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मायावती ने भतीजे आकाश आनंद को दिखाया पार्टी से बाहर का रास्ता

JIO News 18 :
न्यूज़ नेटवर्क लखनऊ : विपक्षियों में माहौल गरम है सपा में घमासान मचा हुआ है। मायावती ने भी भतीजे आकाश आनंद को सभी पदों से हटा दिया है। कहा कि मेरे जिंदा रहने तक कोई उत्तराधिकारी नहीं होगा। रिश्ते नातों का कोई महत्व नहीं है। उत्तर प्रदेश में कभी राज करने वाली बसपा में आज घमासान चल रहा है। रविवार को बसपा सुप्रीमो मायावती ने बड़ा फैसला सुनाया। उन्होंने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी के सभी पदों से हटा दिया। आकाश के ससुर अशोक सिद्धार्थ के निष्कासन के बाद उनका यह दूसरा बड़ा फैसला है।वहीं आकाश के भाई आनंद कुमार और रामजी गौतम को बड़ी जिम्मेदारी दी। दोनों को दोनों को नेशनल कोआर्डिनेटर बनाया गया है। इस मौके पर मायावती ने कहा कि अब मेरे जिंदा रहने तक कोई उत्तराधिकारी नहीं होगा। पार्टी और मूवमेंट के हित में रिश्ते नातों का कोई महत्व नहीं है। बसपा सुप्रीमो ने कहा कि अब मैंने खुद भी यह फैसला लिया है कि मेरे जीते जी व मेरे आखिरी सांस तक भी अब पार्टी में मेरा कोई भी उत्तराधिकारी नहीं होगा। जिस फैसले का पार्टी के लोगों ने दिल से स्वागत किया। उन्होंने कहा कि मेरे लिए पार्टी व मूवमेन्ट पहले है। भाई-बहन व उनके बच्चे तथा अन्य रिश्ते नाते आदि सभी बाद में हैं। इसी परिपेक्ष्य में उन्होंने पार्टी के लोगों को यह भी विश्वास दिलाया है कि जब तक मैं जिन्दा रहूँगी तो तब तक मैं अपने आखिरी सांस तक भी अपनी पूरी ईमानदारी व निष्ठा से पार्टी को आगे बढ़ाने का हर सम्भव पूरा-पूरा प्रयास करती रहूंगी। उन्होंने समीक्षा के दौरान कमियों को दूर करके आगे के पार्टी कार्यक्रमों के लिए जरूरी दिशा-निर्देश भी दिए गए बसपा सुप्रीमो ने मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव नहीं लड़ने के फैसले के बावजूद भी समाजवादी पार्टी की हार का उल्लेख करते हुए कहा कि अब इसके लिए सपा किसको ज़िम्मेदार ठहराएगी क्योंकि पिछले उपचनुाव में पार्टी की हार के लिए सपा ने बसपा को जिम्मेदार ठहराने का मिथ्या प्रचार किया था। जबकि कुल मिलाकर, सपा और भाजपा एक ही सिक्के के दो पहलू हैं और भाजपा व अन्य जातिवादी पार्टियों को केवल अम्बेडकरवादी नीति व सिद्धान्त वाली बसपा ही पराजित कर सकती है, यह बात पूरे देश के सर्वसमाज के लोगों को जरूर समझना चाहिए। मायावती ने आज लखनऊ में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की मीटिंग बुलाई। इस बैठक में मायावती ने बसपा के नेशनल कोऑर्डिनेटर रहे आकाश आनंद को सभी पदों से हटा दिया है। इसके अलावा इसमें कहा गया है कि आनंद कुमार को रामजी गौतम को नेशनल कोऑर्डिनेटर की जिम्मेदारी दी है। इससे पहले भी मायावती और आकाश आनंद के बीच विवाद होते रहे हैं। मायावती पहले ही अपने समधी और कई राज्यों के प्रभारी रहे अशोक सिद्धार्थ को पार्टी से निकाल चुकी हैं। इसके साथ ही राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर रह चुके आकाश आनन्द को चेतावनी दे चुकी थी। आकाश आनंद मायावती के भतीजे बता दें कि बसपा प्रमुख मायावती ने लखनऊ में बसपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई थी। इस बैठक में बसपा के तमाम पदाधिकारी शामिल हुए। हालांकि मायावती के भतीजे आकाश आनंद इस मीटिंग में शामिल नहीं हुए। आकाश आनंद बीएसपी के नेशनल कोऑर्डिनेटर थे। पिछले दिनों मायावती ने आकाश आनंद के ससुर अशोक सिद्धार्थ को पार्टी से निकाल दिया था। इसके साथ ही मायावती ने हाल में ही अपने भतीजे आकाश आंनद को चेतावनी भी दी थी। वहीं अब मायावती ने आकाश आनंद को सभी पदों से हटा दिया है। इससे पहले भी लोकसभा चुनाव के दौरान मायावती ने आकाश आनंद को अपरिपक्व बताकर अपना उत्तराधिकारी बनाने से मना कर दिया था। हालांकि फिर 47 दिन बाद ही जून 2024 में मायावती ने बसपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में आकाश आनंद को अपना उत्तराधिकारी बना दिया था। आकाश आनंद ने बुआ मायावती का पैर छूकर आशीर्वाद भी लिया था। अभी 15 फरवरी को मायावती ने आकाश आनंद के ससुर आशोक सिद्धार्थ को पार्टी से निकाल दिया। वहीं आज भी मायावती ने आकाश आनंद को सभी पदों से मुक्त करते हुए कहा कि उनके जीते जी कोई उत्तराधिकारी नहीं होगा। इससे पहले मायावती ने x पर लिखा था कि ‘बीएसपी, देश में बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के मानवतावादी आत्म-सम्मान व स्वाभिमान के कारवां को सत्ता तक पहुंचाने हेतु, मान्यवर श्री कांशीराम जी द्वारा सब कुछ त्यागकर स्थापित की गई पार्टी व मूवमेन्ट, जिसमें स्वार्थ, रिश्ते-नाते आदि महत्वहीन अर्थात बहुजन-हित सर्वोपरि है। इसी क्रम में मान्यवर श्री कांशीराम जी की शिष्या व उत्तराधिकारी होने के नाते उनके पदचिन्हों पर चलते हुए मैं भी अपनी आखिरी सांस तक हर कुर्बानी देकर संघर्ष जारी रखूंगी ताकि बहुजन समाज के लोग राजनीतिक गुलामी व सामाजिक लाचारी के जीवन से मुक्त होकर अपने पैरों पर खड़े हो सकें। अतः मान्यवर श्री कांशीराम जी की तरह ही मेरे जीतेजी भी पार्टी व मूवमेन्ट का कोई भी वास्तविक उत्तराधिकारी तभी जब वह भी, श्री कांशीराम जी के अन्तिम सांस तक उनकी शिष्या की तरह, पार्टी व मूवमेन्ट को हर दुःख-तकलीफ उठाकर, उसे आगे बढ़ाने में पूरे जी-जान से लगातार लगा रहे।’

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